7th pay commission : केंद्र सरकार ने पेंशन से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन की घोषणा की है, जो नए साल के दूसरे ही दिन हुई। इस बदलाव से सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी महिलाएं अब अपने वैवाहिक विवादों में परिवारिक पेंशन के लिए अपने बच्चों को नॉमिनेट कर सकती हैं। यह नया नियम महिलाओं को अधिक सुरक्षित बनाएगा और उन्हें उनके बच्चों के भविष्य की चिंता मुक्त करेगा।
अभी का नियम
सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 50 के उप-नियम (8) और (9) के प्रावधानों के मुताबिक, जब किसी सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु होती है, तो पहले पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन दी जाती है। इसके बाद ही बच्चे और अन्य परिवार सदस्य पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होते हैं। नए नियम के अनुसार, इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जिनकी शादी नहीं हुई है या जिनका पति उनके साथ नहीं रहता है। इससे उन्हें उनके बच्चों के प्रति जिम्मेदारी में और भी नई राहें मिलेंगी।**
राहत के लिए परिस्थितियां
- तलाक या हिंसा के मामले: अगर किसी सरकारी महिला कर्मचारी/पेंशनभोगी की तलाक की प्रक्रिया या घरेलू हिंसा का मामला न्यायालय में चल रहा है, तो वह अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती हैं।
- विधुर स्थिति: अगर महिला कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके पति का पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं है, तो उसके विधुर को पारिवारिक पेंशन मिलेगा।
- विकलांग बच्चों के साथ: अगर मृत महिला कर्मचारी/पेंशनभोगी के परिवार में अवयस्क या मानसिक विकार या दिव्यांगता से पीड़ित बच्चा/बच्चे हैं, तो उनके पारिवारिक पेंशन का लाभ पति को मिलेगा, बशर्ते कि वह उनके अभिभावक हैं।**
- अधिकारिता की शर्तें: नए नियम के तहत, जब नाबालिग बच्चा वयस्क होता है, तो वह पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र होता है, और यह उस दिन से देय होता है जिस दिन वह वयस्क हो जाता है।
इस नए नियम से महिलाओं को वैवाहिक विवादों में भी समर्थन मिलेगा, जो उन्हें अपने परिवार के साथ सुरक्षित रखने में मदद करेगा। इससे न केवल समाज में सामंजस्य बना रहेगा, बल्कि महिलाओं को भी अधिक सशक्त बनाए रखने में मदद मिलेगी। नए नियमों की उपयोगकर्ता को ध्यानपूर्वक शर्तों का पालन करना होगा ताकि वे इस सुधार से ज्यादा लाभ उठा सकें।**
सामान्य प्रश्नों का उत्तर
1. नए नियम से किसे फायदा होगा?
- नए नियम से सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी महिलाएं, जिनकी शादी नहीं हुई है या जिनका पति उनके साथ नहीं रहता है, वैवाहिक विवादों में भी परिवारिक पेंशन के लिए अपने बच्चों को नॉमिनेट कर सकेंगी। इससे उन्हें अधिक सुरक्षित और स्वतंत्रता मिलेगी।
2. कैसे पता करें कि कौन-कौन से परिस्थितियों में मिलेगी राहत?
- नए नियम के अनुसार, राहत मिलेगी जब सरकारी महिला कर्मचारी/पेंशनभोगी की तलाक की प्रक्रिया या घरेलू हिंसा का मामला न्यायालय में चल रहा हो, या जब उनके पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज हो। इसके अलावा, विधुर, विकलांग, या मानसिक विकार से पीड़ित बच्चों के साथ भी राहत मिलेगी।
3. कैसे आवेदन करें?
- आवेदन करने के लिए, नए नियम की शर्तों को ध्यानपूर्वक पूरा करना होगा। आवेदन प्रक्रिया सरकारी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन की जा सकती है।
4. पारिवारिक पेंशन का अनुभव सुनिश्चित कैसे करें?
- आप अपने स्थानीय कार्यालय से संपर्क करके और आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों पर जाकर नए नियमों और प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।**
सावधानियां:
- आवेदन करने से पहले, नियमों को समझें और ध्यानपूर्वक पात्रता मापदंडों की जाँच करें।
- आवेदन की सभी आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखें।
- आवेदन प्रक्रिया के दौरान सहायक संस्थानों से सहायता लें